पंजाब के गवर्नर को सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार; कहा- आप आग से खेल रहे हैं... हम खुश नहीं, सरकार के रवैये पर भी सवाल
Supreme Court Remarks Punjab Govt-Governor Matter Latest Update
Punjab Govt-Governor Matter: गवर्नर द्वारा विधेयकों को मंजूरी न दिए जाने और विधानसभा सत्र को अवैध बताने को लेकर पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने पहले 6 नवम्बर को सुनवाई की थी और सुनवाई की अगली तारीख 10 नवम्बर तय कर दी थी। फिलहाल, आज सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले में एक बार फिर से सुनवाई की है और गवर्नर और पंजाब सरकार दोनों को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के गवर्नर को फटकारते हुए कहा कि विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी नहीं देना और विधानसभा सत्र को असंवैधानिक कहना, यह आग से खेलने जैसा है। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के गवर्नर से कहा कि ऐसा करके आप आग से खेल रहे हैं।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के रवैये पर भी सवाल उठाया। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से पूछा कि उसने विधानसभा के बजट सत्र को स्थगित क्यों नहीं किया? सुप्रीम कोर्ट ने इस बीच पंजाब सरकार और गवर्नर दोनों से कहा कि हमारा देश स्थापित परंपराओं पर चल रहा है और उनका पालन किया जाना चाहिए। लेकिन पंजाब में तो अलग ही हाल चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पंजाब में जो हो रहा है उससे हम खुश नहीं हैं, सरकार और गवर्नर के बीच गतिरोध गंभीर चिंता का विषय है।
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि, अगर लोकतंत्र के साथ काम करना है तो सीएम और गवर्नर को परस्पर रूप से काम करना होगा और कोई भी विधानसभा के नियमों को हरा नहीं सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी टिप्पणी है कि पंजाब सरकार जो कर रही है वह संविधान को भी हरा रही है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, हम गवर्नर की कार्यशैली से भी खुश नहीं हैं। बता दें कि, पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि गवर्नर को आत्ममंथन की जरूरत क्योंकि गवर्नर को जनता ने नहीं चुना है। वहीं पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने विधेयकों को मंजूरी देने के संबंध में एक अपडेट रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष दाखिल करने की बात कही थी।
मामला कोर्ट पहुंचने से पहले ही एक्शन लें गवर्नर
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि, राज्यों में जो भी गवर्नर हैं उन्हें उनसे संबन्धित मामले में पहले ही एक्शन लेना चाहिए, उन्हें मामला कोर्ट आने का इतंज़ार नहीं करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, अक्सर देखा जा रहा है कि, पंजाब जैसी स्थिति कई दूसरे राज्यों में हुई है, जहाँ गवर्नर तभी काम करते नज़र आते है, जब मामला कोर्ट पहुंचता है। यह ठीक बात नहीं है। सभी गवर्नर को आत्ममंथन की जरूरत है, उन्हें पता होना चाहिए कि वे जनता के चुने हुए प्रतिनिधि नहीं हैं।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि, किसी भी राज्य की सरकार भी यह सुनिक्षित करे कि वह संवैधानिक रूप से गवर्नर केसाथ तालमेल बनाकर काम करेगी। संवैधानिक दायरे से बाहर जाकर काम करने का सरकार का रवैया अनुचित है। मालूम रहे कि, यह दूसरी बार है जब गवर्नर के खिलाफ पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट गई है। इससे पहले पिछले साल विधानसभा सेशन बुलाने को लेकर पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी।